Topic- बाल्यावस्था ( Childhood)
बाल विकास ( Child Devlopment )
BTC (D.El.Ed.)
1st Semester
" बाल्यावस्था का समय 6 से 12 वर्ष तक का होता है । इस अवस्था को जीवन का अनोखा काल कहा गया है। जब हम सामान्य बालको की बात करते है तो हमारा तात्पर्य ऐसे बालकों से होता है । जो वंशानुक्रम से प्राप्त शक्तियों के आधार पर सामान्य होते हैं। "
क्रो एण्ड क्रो के शब्दों में - " इस अवस्था मे बालक अपने शिक्षक का सम्मान तो करता है पर उनका अनुकरण करने में कमी कर देता है।"
Important- " 6 से 10 बर्ष तक बालक अपने सही या गलत व्यवहार में निरंतर प्रगति करता है। वह बहुत से उन्ही कार्यों को करता है जिनके किये जाने का कोई उचित कारण नही जान पाता है।"
बाल्यावस्था में शारिरिक विकास-
भार-
बाल्यावस्था में बालक के भार में पर्याप्त वृद्धि होती है । 9 या 10 वर्ष की आयु तक बालकों के भार बलिकयों से अधिक होता है और इसके बाद बालिकाओं के भार अधिक होना प्रारंभ हो जाता हैं।
लंबाई-
बाल्यावस्था में लम्बाई कम बढ़ती है। इस अवस्था मे लम्बाई 2 या 3 इंच ही बढ़ती है।
हड्डियां -
बाल्यावस्था में हड्डियों की संख्या ओर दृढ़ता में व्रद्धि होती है। इस अवस्था मे हड्डियों की संख्या 270 से बढ़कर 350 हो जाती है।
दांत-
लगभग 6 वर्ष की आयू में बालक के दूध के दांत निकलने आरम्भ हो जाते हैं । 12 या 13 वर्ष तक उसके सभी दांत निकल आते हैं। बालिकाओं ले स्थाई बालकों से जल्दी निकलते हैं।
बाल्यावस्था की विशेषतायें -
1- वास्तविकता में रूचि - इस अवस्था मे बालक वास्तविकता को समझने में रूचि लेते हैं क्योंकि वह प्रत्येक वस्तु से आकर्षित होकर उसका ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं।
स्ट्रेंग के अनुसार - " बालक अपने को अति विशाल संसार मे पाता है और उसके बारे में जल्दी से जल्दी जानकारी प्राप्त करना चाहता है।"
2- जिज्ञासा की प्रबलता- बालक की जिज्ञासा विशेष रूप से प्रबल होती है। वह जिन वस्तुओं के संपर्क में आता है उनके बारे में प्रश्न पूंछ कर हर तरह की जानकारी प्राप्त करना चाहता है। अब वह शिशु के समान यह नही पूछता
' वह क्या है? '
इसके विपरीत वह पूछता है - "यह ऐसे क्यूं है ओर ये कैसे हुआ है?"
3- नैतिक गुणों का विकास - इस अवस्था के प्रारम्भ में ही नैतिक गुणों का विकास होने लगता है।
" 6,7 ओर 8 वर्ष के बालको में अच्छे , बुरे के ज्ञान का एवं न्यायपूर्ण व्यवहार, ईमानदारी ओर सामजिक मूल्यों की भावना का विकास होने लगता है।"
4- मानसिक योग्यताओं में व्रद्धि - बाल्यावस्था के बालको में मानसिक व्रद्धि होने के साथ साथ उनमे स्थिरता आजाती है जिससे अपने कार्य सुगमता से कर लेते हैं।
5- खेलों में रूचि- इस अवस्था के बालक सामूहिक रूप में खेलना पसंद करते हैं जिसमे दौड़ना सबसे आधिक उचित माना गया है। बालिकायें इस अवस्था मे सामूहिक रूप से कविताएं, गीत गाना पसन्द करती हैं।
Next topic - किशोरावस्था
-Only Education purpose-
बहुत अच्छा है
जवाब देंहटाएंकमेंट करके हमें बतायें आपको ये पोस्ट कैसी लगी।