बाल विकास
D.El.Ed. ( B.T.C. ) प्रथम सेमेस्टर
Adolescence ( किशोरावस्था) with pdf file
मानव जीवन के विकास की प्रक्रिया में किशोरावस्था का महत्वपूर्ण स्थान है। बाल्यावस्था समाप्त होने व प्रोणा वस्था के मध्य को किशोरावस्था कहते हैं। इस अबस्था का समय 12 से 18 वर्ष तक होता है।
क्रो एंड क्रो के शब्दों में -
"किशोर ही बर्तमान की शक्ति और भावी आशा को प्रस्तुत करता है।"
"किशोर ही बर्तमान की शक्ति और भावी आशा को प्रस्तुत करता है।"
Most Important- स्टेनले हॉल के अनुसार
" किशोरावस्था बड़े संघर्ष , तनाव,तूफान तथा विरोध की अवस्था है।"
विलेयर जोहन्स एंड सिम्पसन के अनुसार-
" किशोरावस्था प्रत्येक व्यक्ति के जीवन मे वह काल है जो बाल्यावस्था के अंत मे आरम्भ होता है और प्रोणावस्था के आरम्भ में समाप्त होता है। "
" किशोरावस्था प्रत्येक व्यक्ति के जीवन मे वह काल है जो बाल्यावस्था के अंत मे आरम्भ होता है और प्रोणावस्था के आरम्भ में समाप्त होता है। "
किशोरावस्था की विशेषतायें-
1- मानसिक शक्तियों का विकास-
किशोरावस्था एक ऐसा समय होता है जिसमे बुद्धि का पूर्ण विकास हो जाता है ओर उसकी मानसिक शक्तियां ध्यान, स्मरण , कल्पना ,चिंतन ,तर्क , विश्लेषण ,संश्लेषण ओर अमूर्त चिंतन आदि में विकास होता है। इस अवस्था में किशोर ओर किशोरियां हर कीसी कार्य के प्रति सोचने और समझने के योग्य हो जाते है।
2- अच्छी बुरी आदतों के विकास-
विभिन्न मनोवैज्ञानिको के अनुुुसार किशोराावस्था बनने और बिगड़नेे का समय है। आयु के बालक ओर balikaon का शारीरिक और मानसिक विकास हो जाता है। यदि बालक बालिका की माांग पूरी नहीं हुई तो उनमें बुरी आदतें पनप जाती हैं।
Ex- धूम्रपान करना
3- रुचियों में परिवर्तन-
इस अवस्था में किशोर ओर किशोरियों की रूचियो में भिन्नता पायी जाती है ओर समानता भी । किशोर व किशोरियों में पत्र-पत्रिकाएं , नाटक ,कहानियां पड़ना ,संगीत , उपन्यास, कला, अभिनय में भाग लेना , सिनेमा देखना, खेल कूद में भाग लेना और अपने शरीर को सुंदर बनाने में प्रयास करना। किशोरियों में नृत्य और संगीत ,कड़ाई बुनाई तथा वस्त्र आभूषङो से सजाने में रूचि दिखाई देती है।
4- अपराध प्रव्रत्ति का विकास -
किशोरावस्था में बालक में अपने जीवन दर्शन, नए अनुभवों की इच्छा , निराशा , असफलता, प्रेम के अभाव आदि के कारण अपराध प्रव्रत्ति का विकास होता है।
" जब छात्र हाई स्कूल में होता है तब वह किसी व्यवसाय को चुनने , उसके लिए तैयारी करने , उसमे प्रवेश करने और उसमें उन्नति करने के लिए अधिक से अधिक चिन्तित हो जाता है।"
इस प्रकार किशोरावस्था में बालक में अनेक नई विशेषताओं के दर्शन होते है।
स्टेनले हॉल ने लिखा है -
“किशोरावस्था एक नया जन्म है क्योंकि इसी में उच्चतर ओर श्रेष्ठ मानव विशेषताओं के दर्शन होते हैं। ”
किशोरावस्था एक ऐसा समय होता है जिसमे बुद्धि का पूर्ण विकास हो जाता है ओर उसकी मानसिक शक्तियां ध्यान, स्मरण , कल्पना ,चिंतन ,तर्क , विश्लेषण ,संश्लेषण ओर अमूर्त चिंतन आदि में विकास होता है। इस अवस्था में किशोर ओर किशोरियां हर कीसी कार्य के प्रति सोचने और समझने के योग्य हो जाते है।
2- अच्छी बुरी आदतों के विकास-
विभिन्न मनोवैज्ञानिको के अनुुुसार किशोराावस्था बनने और बिगड़नेे का समय है। आयु के बालक ओर balikaon का शारीरिक और मानसिक विकास हो जाता है। यदि बालक बालिका की माांग पूरी नहीं हुई तो उनमें बुरी आदतें पनप जाती हैं।
Ex- धूम्रपान करना
3- रुचियों में परिवर्तन-
इस अवस्था में किशोर ओर किशोरियों की रूचियो में भिन्नता पायी जाती है ओर समानता भी । किशोर व किशोरियों में पत्र-पत्रिकाएं , नाटक ,कहानियां पड़ना ,संगीत , उपन्यास, कला, अभिनय में भाग लेना , सिनेमा देखना, खेल कूद में भाग लेना और अपने शरीर को सुंदर बनाने में प्रयास करना। किशोरियों में नृत्य और संगीत ,कड़ाई बुनाई तथा वस्त्र आभूषङो से सजाने में रूचि दिखाई देती है।
4- अपराध प्रव्रत्ति का विकास -
किशोरावस्था में बालक में अपने जीवन दर्शन, नए अनुभवों की इच्छा , निराशा , असफलता, प्रेम के अभाव आदि के कारण अपराध प्रव्रत्ति का विकास होता है।
" जब छात्र हाई स्कूल में होता है तब वह किसी व्यवसाय को चुनने , उसके लिए तैयारी करने , उसमे प्रवेश करने और उसमें उन्नति करने के लिए अधिक से अधिक चिन्तित हो जाता है।"
इस प्रकार किशोरावस्था में बालक में अनेक नई विशेषताओं के दर्शन होते है।
स्टेनले हॉल ने लिखा है -
“किशोरावस्था एक नया जन्म है क्योंकि इसी में उच्चतर ओर श्रेष्ठ मानव विशेषताओं के दर्शन होते हैं। ”
(Only for Educational purposes)
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