Personality ( व्यक्तित्व )
BTC ( D.El.Ed )
व्यक्तित्व का अर्थ-
साधारणतः व्यक्तित्व से अभिप्राय व्यक्ति के रूप रंग ,रूप ,लंबाई ,चौड़ाई, मोटाई , पतलापन अर्थात शारीरिक संरचना व्यवहार तथा मृदु भाषी होने से लगाया जाता है । यह समस्त गुण व्यक्ति के व्यवहार को दर्शाते हैं ।
व्यक्तित्व की उत्पत्ति -
व्यक्तित्व अंग्रेजी के Personality शब्द का रूपांतरण है। peronalitpe शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के persona शब्द से हुई है । जिसका अर्थ है नकाब ( Mask ) या मखोटा , नकली चेहरा ।
यूनानी लोग नकाब पहनकर मंच पर अभिनय करते थे ताकि दर्शकगण यह ना जान सके कि अभिनय करने वाला व्यक्ति कौन है - दास, विदूषक, राजकुमार ,राजा , रानी या राजनर्तकी ।
अभिनय करने वाले जिस प्रकार के पात्र अभिनय करते थे उसी प्रकार के नकाब धारण कर लेते थे इस प्रकार यूनान में प्रारंभ में व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के बाहरी रुप से लगा लिया जाता था ।
लेकिन मनोवैज्ञानिकों का कथन है कि मानव के गुणों ,लक्षणों ,क्षमताओं , विशेषताओं आदि से लगाया जाता है क्योंकि इसका कोई निश्चित अर्थ नहीं निकला ।
व्यक्तित्व की परिभाषाएं -
वैलेंटाइन के अनुसार - " व्यक्तित्व जन्मजात और अर्जित प्रवृतियों का योग है । "
" Personality is the sum of innate and acquired trends. "
डेसिल के अनुसार - " व्यक्तित्व व्यक्ति के संगठित व्यवहार का संपूर्ण चित्र होता है । "
" A men's Personality is the total picture of his organised behavior. "
व्यक्तित्व की विशेषतायें-
मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व कि अपने अपने दृष्टिकोण से अनेक विशेषताएं दी जो इस प्रकार है।
1- व्यक्तित्व में आत्मचेतना का गुण पाया जाता है ।
2- व्यक्तित्व में सामाजिकता का गुण पाया जाता है ।
3- व्यक्तित्व में दृढ़ इच्छाशक्ति पाई जाती है।
4- व्यक्तित्व एक मनोशारीरिक प्राणी है अतः अच्छे व्यक्तित्व के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए ।
5- प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तित्व कुछ अलग और अनोखा होता है ।
6- व्यक्तित्व का विकास जन्म से मरण तक होता है ।
7- व्यक्तित्व निरंतर निर्माण की प्रक्रिया में रहता है ।
व्यक्तित्व के प्रकार-
व्यक्तियों के व्यक्तित्व को जानने के लिए 'क्रेजमर' ने तीन वर्गों में व्यक्तित्व को बांटा -
1 - शारिरिक रचना
2- समाज शास्त्रीय
3- मनोवैज्ञानिक
जर्मन विद्वान क्रेचमर ने अपनी पुस्तक 'फिजिक एण्ड करेक्टर' मैं शरीर रचना के आधार पर व्यक्तित्व के तीन प्रकार बताए हैं जो इस प्रकार हैं -
1- शक्तिहीन - यह व्यक्ति दुबले पतले और छोटे कंधे वाले होते हैं इनकी भुजाएं पतली एवं सीना चौड़ा होता है यह दूसरों की आलोचना करना पसंद करते हैं ।
2- खिलाड़ी- इस तरह के व्यक्तियों का शरीर स्वस्थ होता है । उनका सीना चौड़ा और उभरा हुआ, कंधे चौड़े , भुजाएं मजबूत , मांसपेशियां पुष्ट ओर चेहरा देखने में अच्छा होता है ऐसे व्यक्ति सभी में अपना स्थान बना लेते हैं ।
3- नाटा - ऐसे व्यक्ति का शरीर छोटा ,मोटा, गोल, चर्बी वाला होता है इसका सीना चौड़ा और पेट आगे को निकला हुआ और चेहरा गोल होता है । यह व्यक्ति आराम करने में लोकप्रिय होते हैं ।
हिप्पोक्रेट्स ने 400 व्यक्तियों का व्यक्तित्व आंका उन्होंने चार प्रकार के स्वभाव बताइए जो इस प्रकार हैं ।
1- मंद- वे लोग जो धीमे ओर निर्बल होते हैं ।
2- खिन्न - वे लोग जो निराशावादी होते हैं ।
3- क्रोधी- वे लोग जो शीघ्र ही क्रोधित हो जाते हैं ।
4- आशावादी - वे लोग जो बहुत जल्दी कार्य करते हैं और खुश रहते हैं ।
व्यक्तित्व के मनोवैज्ञानिक प्रकार -
मनोवैज्ञानिक जुंग ने व्यक्ति के व्यक्तित्व को अपनी पुस्तक 'फिजियोलॉजिकल टाइपिस्ट ' में व्यक्तित्व तीन प्रकार के बताएं हैं -
1- अंतर्मुखी ( Introvert )- अंतर्मुखी व्यक्ति वे व्यक्ति हैं जिनकी रूचि स्वयं में होती है और स्वयं जीवन की ओर आंतरिक रूप से जुड़ी होती है । अंतर्मुखी व्यक्तियों की विशेषताएं निम्न प्रकार हैं -
1- यह लोग कम बोलने वाले और पुस्तकों ,पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ने में रुचि लेते हैं ।
2- इनका व्यवहार आज्ञाकारी होता है शीघ्र घबराने वाले होते हैं ।
3- अपने विचारों को अपने तक सीमित रखते हैं ।
4- अधिक लोकप्रिय नहीं होते हैं ।
5- यह अच्छे लेखक होते हैं लेकिन अच्छा वक्ता नहीं , और चुपचाप रहते हैं ।
6- चिंताग्रस्त रहते हैं ।
7- इनके अंदर आत्मचिंतन होता है यह बहुत चिंतन करते हैं ।
2- बहिर्मुखी( Extrovert )- बहिर्मुखी व्यक्ति वे होते हैं जिनकी रूचि बाहरी जगत में होती है बहिर्मुखी व्यक्तियों की विशेषताएं निम्न प्रकार है ।
1- कार्य करने की दृढ़ इच्छा और बहादुरी के कार्य में रुचि रखते हैं।
2- शासन करने का स्वभाव शीघ्र ना घबराने वाले ।
3- आक्रमक, अहमवादी और अनियंत्रित होते हैं ।
4 - उन गुणों को जानते हैं जिन्हें संसार में प्रशंसा की नजर से देखा जाता है ।
5- धाराप्रवाह बोलने वाले और मित्रों जैसा व्यवहार करने वाले होते हैं ।
6- चिंतामुक्त होते हैं ।
3- उभयमुखी ( ambivert )- इस तरह के व्यक्ति कुछ कम होते हैं । जो पूर्णता अंतर्मुखी व बहिर्मुखी होते हैं इनमें दोनों का मिश्रण होता है और वे जीवन की आवश्यकताओं के लिए स्पष्ट निर्णय रखते हैं । बहुत से लोग इसी प्रकार के होते हैं इसलिए उन्हें उभयमुखी व्यक्ति कहा जाता है।
उदाहरण - एक व्यक्ति अच्छा लेखक तथा वक्ता दोनों हो सकता है वह मित्रता पूर्वक व्यवहार प्रदर्शित कर सकता है किंतु कार्य करना अकेले ही पसंद करता है ।
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